बिखर रहा बीजेपी का कुनबा, चुनाव से पहले बड़ी संख्या में दिग्गज नेताओं ने छोड़ी पार्टी

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झारखंड विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में उथल -पुथल मच गई है। हालांकि चुनाव की तिथि की घोषणा होने से पहले विभिन्न दलों के 6 विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था। लेकिन टिकट बंटवारे के अंदर बगावत का सिलसिला लगातार जारी है। भाजपा के कई कद्दावर नेता और पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है और दूसरे दल के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले जब चुनाव की घोषणा नहीं हुई थी तो कांग्रेस के मनोज यादव तथा सुखदेव भगत, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुणाल षाडंगी और जेपी पटेल, नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप, झाविमो के विधायक प्रकाश राम ने भाजपा का दामन थामा था।

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इन सभी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। एक मंत्री और तीन भाजपा विधायकों के अलावा पांच पूर्व विधायकों ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। इनमें महेशपुर के पूर्व विधायक देवीधन टुडू और जामताड़ा के पूर्व विधायक विष्णु भैया, मझगांव के पूर्व विधायक बड़कुंवर गगराई, बरही के पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला, बरकट्ठा के पूर्व विधायक अमित कुमार शामिल है। सरयू राय ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी सीट से भी चुनाव लड़ने की घोषणा की और सोमवार को नामांकन के पहले वे मंत्री पद से भी त्यागपत्र दे देंगे। भाजपा को सबसे बड़ा झटका जमशेदपुर पश्चिमी सीट के विधायक और खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के इस्तीफे से लगा है।

छतरपुर से भाजपा के विधायक राधाकृष्ण किशोर का टिकट काटकर पूर्व सांसद मनोज कुमार की पत्नी पुष्पा देवी को उम्मीदवार बनाया है। जिससे राधाकृष्ण किशोर ने बगावत कर आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। जबकि सिंदरी विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद फूलचंद मंडल भी भाजपा से त्यागपत्र देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बोरियों के विधायक तारा मरांडी ने भी टिकट नहीं मिलने से त्यागपत्र दे दिया है। भाजपा ने इस बार तारा मंराडी की जगह बोरियों से सूर्या हांसदा को उम्मीदवार बनाया है।


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