‘दुनिया को साइड में रखो और अपने हिसाब से जिंदगी जियो’…ये फंडा जयपुर की सोनाली कुमावत का है। वह हाल में राजस्थान की विद्यार्थी राजनीति में कदम रखकर सुर्खियों
में हैं। उनके चर्चा में आने की वजह उनका ढाई फुट का कद है और आसमान जितना ऊंचा इरादा भी। 18 वर्षीय सोनाली जयपुर के महारानी कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी हैं। वह बताती हैं कि अक्सर लोग उन्हें देखकर हंसते हैं और कहते हैं कि
जो अपने आप कुर्सी पर नहीं बैठ सकता वो राजनीति क्या करेगा। इस बात का वह खुद ही जवाब देती हैं- ‘मैं कॉलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष बनकर इतना काम करके जाऊंगी कि
कुर्सी पर बैठने का समय ही न बचे।’
एक कुर्सी से बंधकर नहीं रहंगी:
वह राजनीति समेत कई क्षेत्रों में करना चाहती हैं। उनका अगला लक्ष्य आईएएस की तैयारी है। कहती हैं कि वह एक सीट तक बंधकर नहीं रहना चाहतीं। सोनाली 12वीं तक पढ़ाई अपने गांव से की। चार भाई- बहन में सबसे छोटी सोनाली का हमेशा परिवार ने हौसला बढ़ाया। उनके पास बीए-तृतीय में अर्थशास्त्र और भूगोल मुख्य विषय हैं।
घोषणा पत्र बनाकर प्रचार
सोनाली ने तीन शब्दों में छात्रसंघ चुनाव का एजेंडा बताया। ये लक्ष्य हैं प्रवेश, परीक्षा और परिणाम में सुधार। दो साल पहले जब सीकर जिले के श्रीमाधवपुर गांव से वह जयपुर आईं तो दाखिले के लिए उन्हें कई चक्कर लगाने पड़े। ऐसी ही 16 समस्याओं को ध्यान में रखकर उन्होंने घोषणापत्र बनाया है।
राजनीति का रास्ता चुना
सोनाली ने दसवीं में ही राजनीति में आने का मन बना लिया था। वह मानती हैं कि इस रास्ते से ही असल बदलाव संभव है। यह मुश्किल था क्योंकि ज्यादातर छात्राएं उनके कद को राजनीति के लिए बाधा मानती थीं। अपने लंबे चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इस पूर्वाग्रह को निकालने में सफलता हासिल की है।