पश्चिमी बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय बचा है और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। चुनावी रणनीति बनाने में कहीं कोई चूक ना रहे और इस मामले में भाषा आड़े न आए। इसके लिए भाजपा अध्यक्ष बांग्ला भाषा सीख रह हैं। उसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रख लिया है। कोशिश है कि भाजपा अध्यक्ष कम से कम इस भाषा को समझने लगें और पश्चिमी बंगाल की सभाओं में अपने भाषण की शुरुआत बांग्ला में करें जिससे भाषण प्रभावी लगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी “मां, माटी और मानुष” का नारा बुलंद करती रहती हैं, और अभी हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है। अपनी सभाओं में ममता भाजपा अध्यक्ष को बाहरी कह कर संबोधित करती हैं।
पश्चिमी बंगाल में भाजपा के एक बड़े नेता के मुताबिक, इसमें कुछ भी नया नहीं है। नेता ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष बांग्ला और तमिल सहित देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली 4 भाषाएं सीख रहे हैं। गौरतलब है कि कई लोग आश्चर्य करते हैं कि वर्षों गुजरात में बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर 2 साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थीं।
अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में हारने के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कार्यकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा इस रणनीति में आड़े न आए इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थ स्थलों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली। बताया जाता है कि अमित शाह के इसी रिसर्च का परिणाम था कि वह गुजरात से निकलकर उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चुनावी अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सके। बहुत कम लोगों को पता होगा कि बहुभाषी होने के साथ ही अमित शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।