सावधान! नोटबंदी से भी ज्यादा डरावनी गोल्डबंदी लाने की तैयारी में है मोदी सरकार

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नोटबंदी के बाद काले धन पर मोदी सरकार दूसरा कदम उठाने की तैयारी में है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काले धन से सोना खरीदने वालों पर लगाम कसने के लिए सरकार खास स्कीम ला सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम की तर्ज पर सोने के लिए एमनेस्टी स्कीम ला सकती है। एक तय मात्रा से ज्यादा बगैर रसीद वाला गोल्ड होने पर उसकी जानकारी देनी होगी और गोल्ड की कीमत सरकार को बतानी होगी। सूत्रों के मुताबिक इस स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सर्टिफिकेट लेना होगा। बगैर रसीद वाले जितने गोल्ड का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा। यह स्कीम एक खास समय सीमा के लिए खोली जाएगी। स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड पाए जाने पर भारी जुर्माना देना होगा। मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्ट इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के खास ऐलान किए जा सकते हैं।

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वित्त मंत्रालय ने तैयार किया मसौदा

वित्त मंत्रालय के इकोनामिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है। जल्द ही कैबिनेट से इस को मंजूरी मिल सकती है। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट मैं इस पर चर्चा होनी थी। लेकिन महाराष्ट्र हरियाणा चुनाव की वजह से आखिर समय पर फैसला टाला गया।

गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के लिए भी हो सकते हैं ऐलान

इसके लिए सोवरेन गोल्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव किए जा सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बांड सर्टिफिकेट को मोर्गिज करने का भी विकल्प दिया जा सकता है। गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान किया जा सकता है। सरकार को गोल्ड को प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर विकसित करने की मंशा है। इसके लिए आई आई एम प्रोफेसर की सिफारिश के आधार पर मसौदा तैयार किया गया है।

हालांकि आयकर विभाग का एमनेस्टी स्कीम को लेकर अलग तर्क है। उसका मानना है कि यह योजना अघोषित धन को सफेद करने का आसान जरिया मुहैया करा सकती है। आयकर विभाग के अधिकारी के अनुसार “यदि गोल्डन एमनेस्टी स्कीम को बहुत खुला बनाते हैं तो नगदी (अघोषित आय) को सोने में परिवर्तित करना बहुत आसान हो जाता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार शायद इस योजना पर नए सिरे से विचार कर रही है। टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार “गोल्ड एमनेस्टी के लिए कम आय वर्ग के लोगों को मना पाना काफी मुश्किल है। क्योंकि उनके लिए तो निवेश का सबसे बड़ा जरिया है। यदि इस योजना को लांच किया जाता है तो इसका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए करेंगे।”

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एक अनुमान के मुताबिक पूरे देश में घरों और मंदिरों में लगभग 23000- 24000 टन सोना बिना किसी उपयोग के रखा गया है। इस सोने को उपयोग में लाने के लिए 2015-16 में “स्वर्ण मुद्रीकरण योजना” की शुरुआत की थी । लेकिन सरकार को इसमें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई।


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