दावा किया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के मद्देनजर पुलिस WhatsApp ग्रुप की निगरानी कर रही है। अगर आपने ग्रुप में राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, PM नरेंद्र मोदी की तस्वीर शेयर की तो पुलिस कार्यवाही हो सकती है। विधानसभा चुनाव के चलते राज्य में चुनाव प्रचार जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर पार्टी समर्थक अपने तरीके से प्रमोशन में जुट गए। ट्विटर फेसबुक पर एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है जिसमें चुनिंदा नेताओं की तस्वीरें शेयर करने पर पुलिस उठाकर ले जा रही है। दावा किया जा रहा है कि 260 WhatsApp एडमिन को जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने ग्रुप में अरविंद केजरीवाल, PM मोदी और सोनिया गांधी की तस्वीरें साझा की थी।
एक लंबी पोस्ट लिखी गई है, जिसमें शेयर किया जा रहा है। पोस्ट में लिखा है सभी ग्रुप के लोगों से अपील की जाती है कि वो किसी भी राजनेता जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, PM मोदी, अरविंद केजरीवाल आदि की गलत, राजनीतिक या जोक्स वाली तस्वीरें साझा ना करें। इसमें एडमिन को सलाह दी गई है कि अगर ऐसा होता रहा तो तुरंत ग्रुप को बंद कर दें या ऐसे लोगों को ग्रुप से निकाल दें। मुंबई, पुणे, चेन्नई में 260 से ज्यादा WhatsApp ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में इस मैसेज को पहली और आखिरी चेतावनी समझे। पोस्ट में 7 साल की सजा बताई गई है। अब बात ऐसी है कि क्या वास्तव में सभी राज्यों की पुलिस WhatsApp ग्रुप की निगरानी कर रही है? या नेताओं की तस्वीरें शेयर करने पर जेल में डाला जा रहा है? नहीं ऐसी कोई सोशल मीडिया निगरानी दिल्ली में तो क्या किसी राज्य की पुलिस नहीं कर रही है।
आपको बता दें ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह के मैसेज वायरल हुए हैं। इससे पहले जुलाई 2018 में यही मैसेज खूब शेयर किया गया था। यही मैसेज साल 2018 में वायरल हुआ था। यही अब साल 2020 में शेयर किया जा रहा है। इससे जुड़ी सैकड़ों पोस्ट हमें फेसबुक ट्विटर पर मिली।दिल्ली चुनाव के मद्देनजर सरकार द्वारा ऐसी कोई गाइडलाइन्स या नियम की घोषणा भी नहीं की गई है। इसके अलावा WhatsApp ग्रुप के एडमिन को तब गिरफ्तार किया जा सकता है, जब वह कोई हेट स्पीच शेयर करने, दंगे भड़काने, दोषी सांप्रदायिक आपत्तिजनक बातें लिखने का आरोपी या दोषी हो। इसके लिए 7 साल की सजा का भी प्रावधान नहीं है। इससे पहले कई ग्रुप एडमिन को अरेस्ट किया गया है। हालांकि किसी राजनेता की तस्वीर शेयर करने के लिए मुंबई, पुणे, चेन्नई में 260 से ज्यादा WhatsApp ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार करने की कोई खबर मीडिया के सामने नहीं आई है। ऐसे में इस फेक वायरल मैसेज पर भरोसा करना गलत होगा।