कई महीनों के कोरोला कार और लॉकडाउन की स्थितियों के बाद काशी के गंगा घाटों की रौनक फिर से लौटने लगी है इन दिनों यह घाट प्री और पोस्ट वेडिंग फोटो के लिए युवाओं की पहली पसंद बन रहे हैं। इन दिनों नव युवकों की पहली पसंद होने के कारण इन घाटों पर अत्यधिक मात्रा में युवा नजर आने लगे हैं। काफी अंतराल के बाद वैवाहिक कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं और इसके बाद होने वाले पोस्ट वेडिंग फोटो के लिए नवविवाहित जोड़ों की संख्या काफी बढ़ गई है। नवविवाहित जोड़े यहां गंगा मैया का आशीर्वाद लेने और साथ ही साथ मोदी सरकार द्वारा किए गए घाट के उद्धार को देखने उमड़ रहे हैं।
वैवाहिक कार्यक्रम हुए प्रारंभ
काफी समय के बाद वैवाहिक कार्यक्रम शुरू हो पाए हैं जिसमें हम देख रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के खतरों को पूर्ण रूप से विदाई दे दी गई है तथा लोगों का घाटों पर आकर प्रार्थना करना और पूजन करना प्रारंभ हो गया है। प्रायः लोग घाट पर अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए आते हैं। देश में अनलॉक होने के बाद नवंबर माह से अभी तक मात्र तीन विवाहित तिथियां आई है जिन पर गंगा घाटों पर पूजा परंपरा का निर्वहन पूर्ण रूप से हो रहा है। जिन लोगों ने गंगा मैया से मान्यता मांगी थी वह सभी इन गंगा घाट पर आकर चुनरी और जल अर्पित कर मनोकामना पूर्ण के लिए गंगा मैया का आशीर्वाद ले रहे हैं। जिन लोगों की शादियां गंगा मैया के आशीर्वाद से पूर्ण हुई वह सभी मन्नत पूरी करने की परंपरा के लिए गंगा घाट पर उमड़ रहे हैं और अपनी खुशियां भी साझा कर रहे हैं।
आप देख सकते हैं कि किस तरह से नवविवाहित जोड़ा गंगा नदी के दूसरे छोर पर रेत में ऊंट की सवारी कर आनंदित हो रहा है। जैसे ही नवविवाहित जोड़ा ऊंट पर बैठा तो दोनों की खुशियां देखते ही बन रही थी तथा दोनों ऊंट की सवारी का आनंद है ले रहे थे। जब हमने ऊंट मालिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि अब तो घाट पर रौनक लौट आई है। जिसे देखकर लगता है कि कोरोना का खतरा अभी बढ़ने वाला है। उन्होंने बताया कि भारतीय लोगों में धर्म की मान्यताएं और आस्था इतनी अधिक होती है कि उत्साह और खुशियां उन्हें कोरोना से भी भयभीत नहीं कर पाती। जिसे देख कर लग रहा है कि नागरिकों में अब कोरोना का भय खत्म हो गया है। घाट पर आए लोगों को देखकर यह लगता है कि उनके अंदर करोना का अब कोई डर नहीं है और अब कभी कोरोना उन पर हावी नहीं हो पाएगा।
वर्ष 2020 रहा चुनौतीपूर्ण
हम सभी के लिए वर्ष 2020 कई तरीकों से समस्या और चुनौती से भरपूर रहा है क्योंकि अब दिसंबर का महीना प्रारंभ हो गया है। तो धीरे-धीरे लोगों में कोरोना की चिंता और भय समाप्त होने लगा है और उनके बीच खुशियां लौटने लगी है। आपको भी अगर खुशियों के पल देखना हो तो आप भी काशी के गंगा घाट पर आ सकते हैं और ऐसे नजारे देख सकते हैं। अमूमन गंगा घाट पर दर्शन करने वाले और पूजा करने वालों की संख्या अधिक होती थी परंतु मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से इन घाटों का रंगरूप बदल गया है और यहां पर नवविवाहित जोड़ों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। घाट पर आकर यह नवविवाहित जोड़े अपनी पारिवारिक परंपराओं को पूरा करते हैं और गंगा मैया की गोद में अपनी खुशियों को बांटते हैं।
ऊंट मालिकों में ख़ुशी की लहर
बढ़ने वाली इस संख्या से ऊंट मालिकों में अत्यधिक उत्साह देखा जा सकता है। अब उनका कारोबार फलने फूलने लगा है और ऊंट के भोजन की व्यवस्था वह आसानी से कर पा रहे हैं। जब हमने अन्य व्यवसायियों से भी बात की तो उन्होंने बताया कि घाट पर अब व्यवसाय पहले जैसा होने लगा है और जनजीवन सामान्य हो चला है। घाट किनारे व्यवसाय करने वाले लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि घाट पर आपको कोरोना का साया नहीं दिखेगा। यहां पर पुरानी रौनक लौट आई है। यहाँ पर फोटो लेकर अपना व्यवसाय चलाने वाले लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि 2020 का अंत भला तो सब भला।