लिबरल गिरोह के आरोपों को खारिज करते हुए फेसबुक ने साफ किया है कि वह भाजपा समर्थक नहीं है। फेसबुक का दावा है कि वो बिना किसी पार्टी से संबंद्धता रखते हुए केवल हेट स्पीच और ऐसी सामग्री को प्रतिबंधित करती है, जो हिंसा भड़काती हो।
फेकबुक प्रवक्ता ने ANI को बताया, “हम घृणा फैलाने वाले भाषण और सामग्री पर प्रतिबंध लगाते हैं, जो हिंसा को उकसाता है और हम किसी राजनीतिक स्थिति/पार्टी की संबद्धता के बिना इन नीतियों को विश्व स्तर पर लागू करते हैं। निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी प्रक्रिया का नियमित ऑडिट करते हैं।”
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियों ने और उनके समर्थकों ने फेसबुक पर आरोप मढ़ा था कि वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों द्वारा दी गई हेट स्पीच को इग्नोर करते हैं। इसी आरोप को खारिज करते हुए फेसबुक ने कहा है कि वह किसी पार्टी या पद का समर्थन नहीं करते। वह अपनी नीतियों को वैश्विक स्तर पर लागू करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके राजनीतिक जुड़ाव के बावजूद वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए सभी को दंडित करते हैं।
यहाँ बता दें कि ये पूरा विवाद वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट से शुरू हुआ था। जिसमें भाजपा विधायक टी राजा सिंह को भी निशाने पर लिया गया था, जिन्होंने रोहिंग्या और मुस्लिमों पर पोस्ट किया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में इसका ज़िक्र था।
साथ ही यह भी कहा गया था कि फेकबुक की उच्च अधिकारी अंखी दास ने टी राजा के मुस्लिम विरोधी पोस्ट हेट स्पीच के दायरे में रखने का विरोध किया। क्योंकि ऐसा करने से भारत में फेसबुक का व्यावसायिक प्रभाव कम होगा। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऐसा सिर्फ टी राजा ही नहीं बल्कि 3 और हिंदूवादी नेताओं के मामले में किया गया है। उनके भड़काऊ भाषणों को हेट स्पीच के दायरे में नहीं रखा गया है।