हमारे बड़े बुजुर्ग हमेशा से हमें सीख देते रहे हैं कि कभी भी किसी को अपने आप से छोटा समझने की भूल नहीं करनी चाहिए और ना हीं किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करना चाहिए। क्योंकि माना गया है वक्त को बदलते ज्यादा समय नहीं लगता। जिंदगी में कब किसके साथ कौन सा मुकाम आ जाए यह किसी को नहीं पता होता क्योंकि हर इंसान के अंदर एक जैसी लगन होती है। बस कुछ उसे समझ कर मेहनत करते हैं और कुछ उसे समझ नहीं पाते और परेशान रहते हैं। कुछ ऐसा ही किया था एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ वह जब शादी की बात करता तो बेरोजगारी का ताना मार कर उसका मुंह बंद कर देती। तुम हमारे लायक नहीं बोलकर बॉयफ्रेंड को छोड़कर चली गई। यह बात लड़के के दिल पर लगी इससे उसने ऐसा कर दिखाया कि सब आश्चर्यचकित हो गए।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा रिजल्ट में 2016 के फाइनल रिजल्ट में औड़िहार निवासी अमित कुमार वर्मा ने 152 वी रैंक हासिल कर एक नया मुकाम बनाया। जनपद का मान बढ़ाया और साथ ही स्वर्गीय पिता से किया वादा भी निभाया। साथ ही दुनिया को सीख भी दी जिसे प्यार में धोखा मिला था। जब अमित को उसके दोस्त ने उसकी कामयाबी के लिए पूछा तो वह बेहद भावुक हो गए और शायराना अंदाज में बोले,
बीच मझधार में छोड़ा था मेरा साथ उस बेवफा ने, वक्त का करिश्मा कुछ ऐसा हुआ कि वह डूबे और हम पार हो गए।
अमित एक सामान्य परिवार के हैं, उनकी मां गृहिणी रही है और उनके पिता का 2011 में कैंसर से देहांत हो गया। ऐसे में भाई के छोटे-मोटे बिजनेस से घर खर्चे चलते हैं। पापा का सपना मुझे जज बनाने का था लेकिन जब मैं जज बनने के काबिल हुआ तब वह नहीं रहे और आज उनका यह सपना पूरा हुआ। अमित काफी प्रतिभाशाली है उन्होंने 2004 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ के लिए एडमिशन लिया था लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा। फिर सिलीगुड़ी से लॉ कर बीएचयू से एलएलएम पूरी की, 2010 में पश्चिम बंगाल में रहते हुए PCS-J क्लियर किया था, जिसमें अमित को 18 वीं रैंक मिली थी। लेकिन बदकिस्मती सेलेक्शन सिर्फ 14 रैंक वालों का ही हुआ। अमित की एपीओ 2015 का रिजल्ट भी इसी साल सितंबर में आया जिसमें वे सेलेक्ट भी हो गए पर वह अपनी PCS-J का इंतजार कर रहे थे।
अमित ने कामयाबी की कहानी सुनाते हुए बताया कि 2010 की वेस्ट बंगाल के PCS-J का रिजल्ट आया जिसमें उनको अट्ठारह वी रैंक मिली थी। उनके बेच की एक लड़की ने फेसबुक के जरिए दोस्ती की और दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। बात शादी तक पहुंची लेकिन लड़की हमेशा बेरोजगारी को लेकर कटाक्ष करती रही। गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए अमित ने प्राइवेट जॉब भी की, जॉब करते हुए उनके पिता का जज बनने का सपना उन्हें हमेशा परेशान करता रहता था। इसलिए 1 दिन 2015 में एलएलएम करने के लिए बीएचडब्ल्यू में एडमिशन ले लिया।
जज बनते ही लड़की ने छोड़ा था साथ
इस बात की खबर लगते ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी और एक बार फिर बेरोजगारी की वजह से सुंदर रिश्ते मैं दरार आ गई। कुछ दिन बाद अमित को खबर मिली कि लड़की ने शादी कर ली है। इस खबर से अमित डिप्रेशन में चले गए इस दौरान घर वाले शादी का दबाव डालने लगे लेकिन अमित इतने टूट चुके थे कि उनको कोई भी बात अच्छी नहीं लगती थी। उन्हें तो बस एक ही धुन सवार थी पापा का सपना सच करना, धीरे-धीरे अमित डिप्रेशन से बाहर आए और आज नतीजा सबके सामने है। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती आज भी कहीं न कहीं इनके गर्लफ्रेंड को इस बात पर अफसोस जरूर होता होगा। हमें यह बात समझ आती है कि कभी किसी की हालत को देखकर उसके आने वाले कल का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए।
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