अपराधिक घटनाओं में टॉप पर बिहार: NCRB की रिपोर्ट में नीतीश कुमार की खुली पोल

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बिहार के CM नीतीश कुमार भले ही राज्य में सुशासन का दावा करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टी नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधने लगी है। वहीं नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी (NCRB) की रिपोर्ट से सच्चाई का बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। NCRB ने वर्ष 2018 के लिए जारी रिपोर्ट में देश भर के 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में होने वाली हत्याओं में पटना को नंबर वन स्थान दिया है।

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बिहार में वर्ष 2018 में चोरी के मामले
NCRB के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2018 में बिहार में सामान्य चोरी की 12,209 घटनाएं सामने आई। जबकि इस दौरान वाहनों की चोरी के करीब 18,665 केस दर्ज किए गए। इसके अलावा पूरे साल में फर्जीवाड़ा के 4,600 मामले पूरे बिहार में दर्ज किए गए।

संपत्ति विवाद के भी सर्वाधिक मामले
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में बिहार में देश भर में सबसे ज्यादा 6608 संपत्ति विवाद के केस दर्ज किए गए। यहां एक लाख की आबादी पर 5.8 लोग संपत्ति विवाद के मामले में शामिल थे।

दहेज में हुई मौतों में पटना सबसे पहले स्थान पर
दहेज के कारण होने वाली मौतों में भी पटना सबसे पहले पायदान पर है। यहां वर्ष 2018 में एक लाख की आबादी पर 2.5 लोगों की मौत दहेज के कारण हुई। जबकि कानपुर में भी प्रति लाख 2.5 लोगों की मौत दहेज के कारण हुई। दहेज के लिए हुए मौतों पर पटना और कानपुर संयुक्त रूप से पहले स्थान पर है। 2018 में बिहार में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के179 मामले सामने आए हैं। जिसमें 231 पीड़ितों की व्यथा और दुश्वारियां सामने आई। यह भी देश भर में सर्वाधिक होने का रिकॉर्ड है।

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महिलाओं के खिलाफ भी बिहार में बढ़ गये अपराध
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या 16,920 हो गई जो कि वर्ष 2017 की 14,711 की तुलना में 2,200 से अधिक मामले हैं। वर्ष 2016 में रिपोर्ट किए गए मामलों में अपराधों की संख्या 13,400 थी।रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 98.2% बलात्कार के मामलों में अपराध पीड़ितों के जानने वालों ने किया।

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार पटना में हर एक लाख व्यक्ति पर साल 2018 में 4.4 लोगों की हत्या हुई है। जबकि जयपुर में यह आंकड़ा एक लाख में 3.3 रहा और लखनऊ में यह आंकड़ा प्रति एक लाख पर 2.9 रहा। बिहार में 2018 में हुई हत्याओं की बात की जाए तो बिहार का आंकड़ा पड़ोसी राज्य झारखंड से बेहतर रहा। बिहार में 2018 में एक लाख पर 2.2 लोगों की हत्या का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। जबकि झारखंड में यह 4.6, अरुणाचल प्रदेश में 4.2 और असम में 3.6 दर्ज किया गया।


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