देश के आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्वास भरा पैगाम देते हुए कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। सुरक्षा के साथ भी किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह चाहती है कि पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को भी भारत में होना चाहिए तो जब हमें इस बारे में कोई आदेश मिलेंगे, उचित कार्यवाही करेंगे।
नरवणे ने कहा, “नवसृजित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद देश की सुरक्षा के लिए बहुत अहम है। CDS से सेना के तीनों अंगों (जल, थल और वायु) के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित होगा। शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में नरवणे ने विभिन्न मुद्दों पर सेना की तैयारी के बारे में जानकारी दी। इन अहम मुद्दों पर बोले आर्मी चीफ नरवणे
- संविधान – संविधान प्रदत्त न्याय, स्वतंत्रता, समानता और सौहार्द के मूल्यों के प्रति भारतीय सेना की आस्था है। संविधान के प्रति निष्ठा भारतीय सेना के मार्गों को हमेशा प्रशस्त करती रहेगी।
- सेना – हमारे जवान सबसे बड़ी ताकत है। उनके प्रशिक्षण पर हमारा जोर रहेगा भविष्य में युद्ध काफी जटिल होने वाले हैं। सेना के पुनर्गठन के लिए भी कार्य किया जाएगा।
- कश्मीर – अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर में हालात अच्छे हैं। LOC पर सेना मुस्तैद हैं। पाकिस्तान की बैट टीम के मंसूबे सफल नहीं होंगे।
- चीन – उत्तरी सीमा पर मिलने वाली चुनौतियों के प्रति सेना पूरी तरह से सजग है। वहां पर अत्याधुनिक हथियारों और नफरी को आने वाले समय में और बढ़ाने के प्रति कृत संकल्पित हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि, “हम बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं और बहुत ही पेशेवर रूप में लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा ही सबसे अहम कड़ी है। भारतीय सेनाएं वहां से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र की सुरक्षा में मुस्तैद रहती है। सीमा पार से किसी भी बर्बर हमले का हम सैन्य समुचित जवाब देते हैं और देते रहेंगे। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र मे सेना सजग है।पाकिस्तान और चीन सीमा पर सेना को संतुलित करने के आश्वासन पर नरवणे ने कहा, “संतुलन की आवश्यकता है, क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है।”
नरवणे ने बताया कि 6 जनवरी से सेना में 100 महिलाओं के बैच का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इन्हें सेना पुलिस में नियुक्ति दी जाएगी। आपको बता दें कि पूर्व सेना प्रमुख विपिन रावत के इस्तीफा देने के बाद नरवणे ने 31 दिसंबर को 28 वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला था। इससे पहले, जनरल नरवणे गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन पहुंचे थे और वहां का जायजा लिया था।