कांग्रेस के संकटमोचक चाणक्य अहमद पटेल नहीं रहें, कोरोना संक्रमण से थे ग्रसित

Follow Us
Share on

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सोनिया गांधी के करीबी राजनैतिक सलाहकार कहे जाने वाले अहमद पटेल का आज तड़के 3.30 बजे निधन हो गया।

New WAP

71 वर्षीय अहमद पटेल कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने पर पिछले 1 महीने से अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका इलाज किया जा रहा था। 1 अक्टूबर को कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्होंने खुद ट्वीट करें इस बात की जानकारी दी थी और कहा था कि- ‘मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं, जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं मैं उन सभी से आग्रह करता हूं कि वे खुद को आइसोलेट कर लें।’

उनके निधन की जानकारी बेटे फैसल पटेल ने ट्वीट कर दी है और कहां है कि-  ‘बहुद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे प‍िता अहमद पटेल का निधन 25 नवंबर की सुबह 3.30 बजे हुआ। करीब महीने भर पहले वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ती गई। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। मैं सभी शुभचिंतकों से प्रार्थना करता हूं कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें।’ 

पॉजिटिव पाए जाने के बाद पटेल को मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जहां उनकी हालत काफी गंभीर थी। कई दिनों तक इलाज के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका।

New WAP

पटेल का राजनीतिक जीवन

कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले पटेल के निधन पर सोनिया गांधी और पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी में उनका अच्छा वर्चस्व था वह कभी मंत्री नहीं रहे लेकिन केंद्र में हमेशा महत्वपूर्ण रहे।

अहमद का जन्म गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में हुआ था। उनका राजनीतिक करियर काफी लंबा है। वे 3 बार लोकसभा सांसद और 5 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। 1977 में इंदिरा गांधी के समय पटेल पहली बार भरूच संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे और भारी जीत हासिल की थी। 1980 में उन्होंने फिर इसी सीट से चुनाव लड़ा और वापस जीत अपने नाम की। 1994 के लोकसभा चुनाव में वह फिर निर्वाचित हुए। साल 1993 से अहमद पटेल राज्यसभा सदस्य थे और 2001 से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार।

10 जनपथ के इस चाणक्य

10 जनपथ के इस चाणक्य ने हमेशा खुद को मीडिया और लाइमलाइट से दूर रखा। वो पूरी कोशिश करते थे कि दिल्ली या पूरे देश की मीडिया में उनके बारे में कोई भी खबर ना दिखे। कांग्रेस पार्टी में मेन रोल प्ले करने के साथ ताकतवर और असरदार होते हुए भी उन्होंने अपनी प्रोफाइल को लो रखा। वह सादगी पसंद जीवन जीने में विश्वास रखते थे।


Share on